Monday, October 14, 2013

यह सब कैसे होता है ?

ये तो सभी जानते हैं कि सुख और दुख जीवन के दो पहलू हैं जो जिन्‍दगी की एक सच है । सुख में सब कुछ अच्‍छा लगता है और दुख के समय सब कुछ बुरा लगता है । यह सब कैसे होता है ? कब दुख आता है और कब सुख आता है ? कैसे पता चलेगा ? क्‍या यह सब किसी निश्चित नियम के अंतर्गत आता है या यह सब अपनी सोच पर निर्भर करता है ? जरा सोचिए । मेरा मानना है कि सुख या दुख के दो आधार होते हैं – एक शारीरिक रुप से और दूसरा मानसिक रुप से । जब हम शारीरिक रुप से बलवान होते हैं तो हमें सब सुखपूर्वक लगता है और जब हम शारीरिक रुप से कमजोर होते हैं तो हमें दुख का अहसास होता है । इसके साथ साथ मानसिक रुप से भी यही क्रम चलता है । जब हम पाजिटिव सोचते हैं तो सुख और जब नगेटिव सोचते हैं तो दुख । अब प्रश्‍न यह महत्‍वपूर्ण है कि जब हम शारीरिक रुप से कमजोर होते है या बीमार होते हैं तो हमारी मजबूरी है । हमें इलाज कराना और स्‍वस्‍थ होने का इंतजार करना होता है लेकिन क्‍या मानसिक रुप से बीमार आदमी का भी इलाज होता है ? क्‍या मानसिक रुप से परेशान व्‍यक्ति का इलाज कोई डाक्‍टर करता है ? यदि नहीं तो यह स्‍पष्‍ट है कि मानसिक परेशानी होने पर कारण ढूढने पर हम पाते है कि हम स्‍वयं ही अपनी बीमारी के कारण है और यह बीमारी हमारे स्‍वयं के प्रयासों से ही खत्‍म होगी । मजेदार बात तो यह है कि जब हम अपनी बीमारी के कारण भी स्‍वयं हैं और इलाज करनेवाले भी तो अपने को नुकसान क्‍यों पहुंचा रहे हैं ?

आपके अनुभव और विचार आमंत्रित हैं ।

Sunday, May 26, 2013

तनाव क्‍यों होता है

यह प्रश्‍न कोई नया नहीं है,बहुत पुराना है ।इसका जवाब भी सभी को पता है। यदि मैं आज आप सभी से यह प्रश्‍न दुबारा पूछूंगा तो आप अवश्‍य ही तनाव का कारण बता देंगे और हो सकता है सभी का उत्‍तर अलगअलग हो क्‍योंकि सभी मानते हैं कि तनाव होता है और उसके  कई कारण हैं । तनाव को दूर  करने के लिए क्‍या करना चाहिए इसका भी जवाब आपके पास अवश्‍य  होगा,सबके पास होगा ।

क्‍या आप भी तनाव का  कारण बता सकते  हैं  और उसको दूर करने का उपाय भी । शायद हां, लेकिन रुकिए तनाव का  कारण  और तनाव दूर करने  का उपाय  आपको पता है  तो िफर भी आप तनाव  में  क्‍यों आ जाते  हैं, ----जरा  सोचिए ।

Monday, April 22, 2013

दौलत को पाने के लिए सेहत गंवायी और सेहत पाने के लिए दौलत गंवायी

यह कैसी विंडम्‍बना है कि हम लोग जीवनभर दौलत कमाते रहते हैं  और दौलत कमाने के लिए अपना चैन और अपना स्‍वास्‍थ्‍य   दाव पर लगा देते है। जीवनभर कमाने की दौड में अपनी सेहत  को गंवा देते  हैं और बाद में उस सेहत और चैन को  पाने के लिए अपनी  सारी जमा पूंजी और धन गंवा देते हैं। ये कैसा सच है । क्‍या आपने इसे  समझने के लिए कभी विचार किया है। यदि नहीं,तो अभी देर नहीं हुई है ।  दौलत कमाना  बुरा नहीं है। अपनी जरुरते पूरा करने के लिए हर आदमी  कमाता है और खर्च करता  है। लेकिन ध्‍यान रहे,आप दौलत कमाते हैं तो दौलत ही खर्च करें,अपनी सेहत और अपना चैन नहीं । वरना  वही होगा जो दूसरों  के साथ हो रहा  है ।

Wednesday, April 10, 2013

जब किसी से विवाद होता है

जब हमारा किसी से कोई वादविवाद होता है या झगडा होता है तो अक्‍सर ज्‍यादातर लोग घबरा जाते र्हैं कभी कभी तो तबीयत खराब होने लगती है । तब सोचते है कि  ऐसा तो मैंने सोचा ही न   था। खासतौर पर जब अपने  किसी प्रियजन सें या रिश्‍तेदार से झगडा हो जाए ।
लेकिन आप घबराइए नहीं ।यह कष्‍ट का समय है, और ज्‍यादा देर तक नही रहेगा। आप  इस  प्रकार सोचना शुरु कर दो। जल्‍दी ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। आपको बस थोडा सा इंतजार करना होगा। थोडा धैर्य रखना होगा - सब ठीक हो  जाएगा। अपनी तबीयत खराब करने  की  कोई जरुरत नहीं है  । आप समझौता करने  के  लिए तैयार रहना ।

Monday, April 8, 2013

वास्‍तव में बीमारी का भीतरी कारण क्‍या है

अक्‍सर हर घर में कोई न कोई बीमार रहता है और दवाईयां भी चलती रहती हैं । कई बार तो बीमारी का कारण और वास्‍तव में क्‍या बीमारी है पता ही नहीं चलता। सभी डाक्‍टरों को दिखा दिया लेकिन कोई आराम नहीं । एक सुझाव है । आप सबसे पहले अपना पेट ठीक कीजिए । यदि आपको कब्‍ज रहती है ।तो समझ् लीजिए आपकी दूसरी बीमारियों का कारण समझ में आ गया । आपको भले ही कोई भी बीमारी जैसे मधुमेह,हार्ट प्राब्‍लम,लीवर समस्‍या ---- आप सबसे पहले अपनी कब्‍ज दूर करने के लिए स्‍टीक उपाय करें । कब्‍ज दूर करने के लिए आर्युवेदी,एलोपेथी,होम्‍योपेथी या घरेलू उपायों द्वारा अपनी कब्‍ज की शिकायत दूर करें। आप मान लेंगे कि कब्‍ज ठीक होने के बाद आपने अपनी बीमारी पर 80प्रतिशत तक नि‍यंत्रण्‍। कर लिया है ।

जब हमारा किसी से कोई वाद विवाद होता है या झगडा होता है तो हम अक्‍सर बहुत घबरा जाते हैं । कभी कभी तो तबीयत खराब होने लगती है । तब सोचते है मैंने ऐसा तो सोचा भी न था ?लेकिन घबराए नहीं । यह कष्‍ट का समय भी ज्‍यादा देर तक नहीं रहेगा । जल्‍दी ही सब ठीक हो जाता है । बस यह मानकर चलें कि यह कष्‍ट तो आना ही था, आया है और जल्‍दी ही चला भी जाएगा । बस थोडा सा इंतजार करना होगा । सब ठीक हो जाएगा । अपनी तबीयत खराब करने की कोई जरुरत नहीं है । ध्‍यान रहे समय बदलता रहता है । समय के साथ साथ हमें भी अपने को बदल लेना चाहिए । हां इस बात का ध्‍यान जरुर रखें कि 24 घंटे बाद अवश्‍य सोचे कि यह जो कष्‍ट आया था उसके लिए कहीं मैं दोषी तो नहीं था ?