Thursday, July 28, 2011

अक्‍सर देखा गया है कि जब आपको किसी अपने प्रियजन पर गुस्‍सा आता है तो आप भी तुरन्‍त गुससे से भर जाते हैं और अपने उस प्रियजन के प्रति आपको नफरत होने लगती है । यह ठीक नहीं है । यदि दूसरा आप पर गुस्‍सा करता है और आप भी उस पर उसी समय गुस्‍सा करने लगते हैं तो आपमें और उसमें क्‍या अन्‍तर रहा ? एक उपाय है । जब आपके प्रियजन पर आपको गुस्‍सा आए तो समझने का प्रयास करें कि आज सामने वाले का गुस्‍सा करना वाजिब है । आप उसे गुस्‍सा करने दें और अपने गुस्‍से पर नियंत्रण रखें । दूसरा व्‍यक्ति कितनी देर गुस्‍सा करेंगा । शायद पांच मिनट या ज्‍यादा से ज्‍यादा 30 मिनट । उसका गुस्‍सा जल्‍दी ही ठण्‍डा हो जाएगा । तब आपको झगडा करने की कोई जरुरत महसूस नहीं होगी । मेरी बात मानना आसान नहीं है । लेकिन प्रयास करोगे तो सफल भी जरुर होगे । हां एक दो बार हो सकता है सफलता न भी मिले । लेकिन बार बार प्रयास करेंगे तो सफलता अवश्‍य मिलेगी । यदि प्रयास नहीं किया, संकल्‍प नहीं किया तो रिजल्‍ट वही होगा जो हर बार होता है । आप अपने विचार बताएं ।

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