Thursday, July 21, 2011

अक्‍सर देखा गया है कि आज के तेजी से चलते समय में तनाव जीवन का एक अंग बन गया है । ऐसे में भाई भाई के रिश्‍ते भी कमजोर होते देखे जा रहे हैं । हर कोई अपने को पाक दिल और दूसरे को झूठा साबित करने में लगा हुआ है । जबकि वास्‍तविकता तो यह है कि हम सब झूठे हैं और अपने आसपास की नेगेटिव एनर्जी से इतना प्रभावित हो जाते हैं कि अपने करीबी रिश्‍तों को भी भूल जाते है। यह ठीक नहीं है । जो भाई भाई विवाह से पहले एक दूसरे पर पूरा विश्‍वास रखते हैं और अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखते हैं वे शादी के बाद बदल जाते है और रिश्‍तों को कमजोर कर देते है। । मै। यह नहीं कहता कि यह सब पत्‍नी के आने के बाद ही ऐसा होता है । पत्‍नी दूसरे घर से आती है वह अपनी सोच रखती है । हो सकता है वह गलत हो, हो सकता है वह ठीक हो । मुददा यह नहीं है । मुददा है रिश्‍ता निभाने में आप कमजोर है तो रिश्‍ता ज्‍यादा देर तक नहीं टिक पायेगा । बाकी तो सब बहाने हैं । यदि आप मजबूत है और अपने इरादे के पक्‍के हैं तो कोई भी ताकत आपको तोड नहीं सकती । इस पर विचार करें और अपने खूनी रिश्‍तों को पहचानें और अपना कर्तव्‍य निभाते हुए पाजिटिव सोचे, भला सोचे । ईश्‍वर आपका भला भी करेगा ।

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