पारिवारिक झ्गडे होते हैं समझ की कमी और अंहकार की वजह से । समझ् की कमी
जहां झगडे का कारण् बनता है वहां अंहकार उस झ्गडे को और आगे बढाता है । एक के
कहे गए कुछ शब्द पसन्द नहीं आते दूसरा तुरन्त झगडा करने पर उतारु हो जाता है ।
सभी अपने को दोष न देकर दूसरे को दोषी मानते हैं । जब तक जीवन में ध्यान नहीं
घटता ऐसी स्थिति बनी रहती है । अत- जरुरत है ध्यान की । यदि ध्यान और मौन में
रहने का प्रयास किया जाए तो हम अंहकार और परेशानी से दूर हो सकते हैं ।
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