Friday, August 22, 2014

बच्‍चे कहना नहीं मानते



अनुभव बताता है कि कोई भी किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं होता । हर व्‍यक्ति अपने को बेहद समझदार समझता है । कुछ लोग तो अपने को प्रक्टिकल होने का दावा करते हैं । वैसे यह सत्‍य है कि जहां दावा किया जाता है वहां कहीं न कहीं कमजोरी अवश्‍य होती है । हर व्‍यक्ति  गलतियों से भरा होता है और वह तभी दूसरे की बात मानने को तैयार होता है जब पहले उसे कुछ महत्‍व दिया जाए अथवा उसकी सोच का समर्थन किया जाए । बिना जरुरत के किसी को कोई सलाह दी जाए तो वह उसका महत्‍व नहीं समझता । यहीं कारण है कि बच्‍चे हमारा कहना नहीं मानते । माता पिता अपना अनुभव थोपते रहते है । बच्‍चे अपने अनुभव से सीखना चाहते हैं । होना तो यह चाहिए कि व्‍यक्ति जीवन की सभी अच्‍छी और महत्‍व की बातों को सुने और पढे और समय आने पर उनका उपयोग करे । लेकिन ज्‍यादातर लोग जब सिर पर आ पडती है तब उन बातों का हल खोजते हैं । कई लोग तो अपना नुकसान करके सीखते है ।

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