Friday, August 22, 2014

भीतर की यात्रा



व्‍यक्ति को अपने प्रयासों में कमी नहीं करनी चाहिए । अच्‍छे ढंग से किए गये प्रयास कभी भी विफल नहीं होते । जीवन को समझने की यात्रा भी साथ साथ चलनी चाहिए । दोनों यात्रा साथ साथ चलनी चाहिए । एक बाहरी और एक भीतर की यात्रा । कई बार लगता है यह एक मुश्किल काम है । लेकिन आप ध्‍यान से देखेंगे और अपने प्रति ईमानदार है तो यह मुश्किल नहीं है । थोडा अटपटा लगता है । लेकिन भीतर की यात्रा शुरु हो जाए तो बाहर की दौड खत्‍म हो जाएगी और बाहरी जीवन भी भली भांति चल सकता है ।

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