कंजूसी और
किफायत
कंजूसी और किफायत में फर्क है । जो लोग बचत की भावना रखते हैं और बचत करते हैं
वे जीवन में दुखों से काफी हद तक दूर रहते हैं । इसके विपरीत जो फालतू खर्च करते
हैं और बचत नहीं करते, वे बाद में अवश्य ही दुखी रहते हैं । इसलिए आज से ही बचत
करने की ठान लें । केवल ठान ही न लें बल्कि आज से ही बचत करना शुरु कर दें । हां
बचत और कंजूसी में फर्क होता है । बचत करने का यह अर्थ नहीं होता कि कंजूसी करना
शुरु कर दो । कंजूसी का मतलब तो यही है न कि जो दैनिक जीवन में खर्च करने होते हैं
उनपर पर भी रोक लगा दो और पैसा इक्टठा करना शुरु कर दों । कंजूसी और बचत के अन्तर
को ध्यानपूर्वक समझ लों ।
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