Tuesday, September 14, 2010

सफलता ही असफलता है । एक ही बात सबके लिए ठीक नहीं होती । कुछ लोग अच्‍छे हैं, कुछ बुरे हैं । कुछ हद तक नैचर में परिवर्तन लाया जा सकता है । टाइमटेबल बनाकर चलें । अपने को सबसे ज्‍यादा महत्‍व दें । समय का सदुपयोग करें । जब कोई सुनने को तैयार हो, तभी बोलें । आलोचना सुनो, बुरा न मानो । उदासी भी एक अनिवार्य शर्त है जीवन में । परिणामों की कल्‍पना से घबराना डरपोक होना है । जीवन में हार भी होगी और जीत भी । गुस्‍सा आए, देखो, चुप हो जाओ । माफ करना भी एक गुण है । झगडे गलतफहमी से होते हैं । कष्‍ट आने पर याद रखें – कोई बात नहीं, हाउ फे, सो वट मैं क्‍यों बुरा मानूं ।

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