कई बार एक आदमी किसी बात को सुन लेता है और उसे लगता है कि इससे उसका अपमान हो रहा है अथवा कहीं उसके मन पर चोट की गई है तो वह उस पर विचार करता है । तब विचार करते करते बैचेनी बढ जाती है और सिरदर्द होने लगता है । चारों ओर असफलता और निराशा दिखती है । ऐसा कुछ ही देर के लिए होता है । । धीरे धीरे बदलाव आता है और बैचेनी समाप्त हो जाती है ।
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