बदलाव लाना हो तो धीरे धीरे लाना चाहिए । यदि हम सोचें कि अचानक सब कुछ बदल जाए तो सोचना भूल होगी । बात चाहे व्यवहार की हो या निजी परिवर्तनों की । परिवर्तन दूसरे के बीच में लाना हो तो बदलाव धीरे धीरे ही लाया जा सकता है । अनावश्यक बोलना और अनावश्यक खानरा इन पर कंट्रोल करने में थोडा समय लग सकता है । अपने सु्न्दर शरीर और व्यक्त्वि के लिए अपने पर ध्यान देना ही चाहिए ।
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