Antaryatra
Tuesday, September 14, 2010
यदि आप अपने अवगुणों को एक कागज पर लिख सकें और लिखकर पढें तो समझ लीजिए आपमें एक गुण आ गया है । अपनी आलोचना खुद ही करना समझदारी है । दूसरों की आलोचना करना कोई बडी बात नहीं ।
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