Sunday, June 6, 2010

हमारी हंसी उडाकर किसी को खुशी मिलती है या किसी को हंसी आती है तो स्‍वीकार कर लीजिए 1 यह बुरा नहीं है । अच्‍छा है । लेकिन हमें किसी की हंसी नहीं उडानी चाहिए । चुटकुला सुना है, हंसो । समझ में नहीं आया, तो भी हंसो । हमें भी चुटकुले सुनाने चाहिए । कोई नहीं हंसता है तो हमें स्‍वयं हंसना चाहिए । खुलकर । यही राज है खुशमिजाज रहने का । एक दिन यह बात आम हो जाएगी । हम सबसे ज्‍यादा खुशनसीब हो सकते हैं ।

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