Sunday, June 6, 2010

अपनी इच्‍छाओं को सीमित रखना ही बेहतर है, तभी आगे बढें । आप असफल नहीं है, आप बेकार और छोटे नहीं हैं, यू आर समथिंग । बस अपनी शारीरिक बनावट को सुन्‍दर बनाएं रखें और प्‍लीज अपना पेट आगे बढने न दें । किसी भी क्षेत्र में सफलता पानी है तो उसमें जुट जाना आवश्‍यक है, बार बार प्रक्टिस करनी चाहिए । काम से मत हारों, मन को डांवाडोल मन होने दों । दिन काटना, गुजारा करना, जीवन बिताना घटिया विचार हैं । जीवन में सुख पाना है तो आलस छोडना होगा । बिना मांगी सलाह से बचिए और बिना मांगे सलाह दे भी नहीं । हमारे देश में सलाह देने का बहुत रिवाज है । यदि सलाह लेनी भी है तो किसी विशेषज्ञ की सलाह लें । वैसे अपने विचारों से चलें तो बेहतर है । आप अपना आगे बढते रहें । अपनी योजना पर काम करते रहें । जो तुम चाहते हो, वहीं हो सकता है, और वही होगा । जो कुछ करना है स्‍वयं ही करना है, कोई दूसरा तो क्षणिक मदद कर सकता है । बहसबाजी से दूर रहना ही बेहतर । अपने बीच एक अलग व्‍यक्तिव रखना जरूरी है, जो काम आज तक नहीं हुआ है, वह अब हो सकता है । प्‍लान बनाकर कार्य करना सरल एवं उत्‍तम है । सबसे बडी आवश्‍यकता आपका कैरियर है ।

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