Sunday, June 6, 2010

असमय की हंसी का परिणाम बुरा होता है । ईश्‍वर और विश्‍वास एक ही सिक्‍के के दो पहलू हैं । श्रद्धा के बिना कुछ भी सम्‍भव नहीं है । जीवन एक उत्‍सव है, इसलिए शान से जीओ । आप बिल्‍कुल ठीक कह रहे हैं, यह सोच भी सफलता देती है । हम सब कुछ जानते हुए भी कुछ नहीं जानते । आशा रखें, न कि अभिलाषा । अधिक घनिष्‍ठता ही घृणा की जन्‍मदात्री है । सच्‍चा सुख बाहर से नहीं मिलता, अपने अन्‍दर से ही मिलता है । विचित्र बात है कि सुख की अभिलाषा ही दुख का एक अंश है । चिता मूर्दों को जलाती है और चिन्‍ता जिन्‍दों को । काम की अधिकता नहीं अनियमिता आदमी को मारती है । समस्‍त गलतियों की तह में अभिमान होता है । अपने विचारों को अपना जेलखाना न बनाओं । जो आज अच्‍छा लगता है शायद कल अच्‍छा न लगे । समय बदले, आप भी बदलो ।
अविश्‍वास धीमी आत्‍महत्‍या ही तो है । मान देने से मान मिलता है । सफलता हो या असफलता श्रेय हमें ही है । उतावलापन, चिन्‍ता और हीनभावना वास्‍वविक आनन्‍द के दुश्‍मन हैं । कुछ भी मुश्किल नहीं, बस अपना उत्‍साह न गिराएं । दुनिया में रहो, अपने भीतर दुनिया को मत रहने दों । पैसा हाथ में रखो, दिल में नहीं । जब तुम ही अपने को असफल कहते हो तो कौन तुम्‍हें सफल कह सकता है । शुरू हुआ है तो अन्‍त भी होगा ।

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