Sunday, June 6, 2010

एक कार्य में असफलता, कारण खोजिए, सफलता मिलेगी । कम बोलिए, लेकिन अच्‍छा बोलिए, हंसमुख रहें, बदतमीज नहीं । भावना का फल जरूर मिलता है । व्‍यक्तिव का निर्माण विचारों द्धारा ही होता है । अपनी बिसात से परे जीना मूर्खता है । योग्‍यता से अधिक महत्‍वाकांक्षा प्रभावशाली है । प्रशंसा कीजिए, दुनिया आपकी जेब में । लोग कहते हैं न बोलनेवाला भी बहुत कुछ कह जाता है । भटके हुए अर्जुन भी तुम हो और रास्‍ता दिखाने वाले कृष्‍ण भी ।

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