Sunday, June 6, 2010

कडी मेहनत करने के बाद ही वित्‍तीय स्थिति सुधारी जा सकती है । जीवन में ठीक से जीना है तो फाइनेशियल पोजिशन उत्‍तर होना जरूरी है । कितने घंटे सोना चाहिए, निश्चित नहीं है । जब नींद आ जाए, सो जाओ । जब तक न आए, जागते रहो, इस बारे में कितने बज गए है, सीमा न बांधों । प्रश्‍नों को उत्‍तर दें और केवल प्रश्‍न करें । पश्‍ताताप से मन पवित्र हो जाता है । गुस्‍सा करने से कुछ न होगा । आपसी सहयोग और समन्‍यवय की स्थिति से ही लाभ है । दूसरों को क्षमा कर दें । दिन रात की मेहनत एक दिन जरूर काम आती है । अपनी बात कहना आसान है, बजाए दूसरों की बात को सुनने के । दूसरों की बात सुनना भी एक गुण है । अपनी बात को शब्‍दों में कहकर दूसरे को समझा देना भी एक गुण है । बेकार की भूमिका बांधने और इधर उधर की बात करना अच्‍छा नहीं है । किसी एक काम पर विजय पानी है तो उस काम में पाजिटिव सोचना होगा । यदि नुक्‍ताचीनी की, नेगेटिव विचार सोचे तो समझ लीजिए उस काम को पूरा करने की आधी शक्ति हमने खो दी । विद्धान सुकरात ने कहा है भगवान ने हमें दो कान, दो आंखें और एक मुंह दिया है ताकि हम ज्‍यादा सुने, ज्‍यादा देखें, लेकिन बोले कम ।

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