यदि हम चाहें तो अच्छा जीवन जी सकते हैं । साफ सुथरा रहना, तमीजदार व शिक्षित होना । यह सब अपने बस में है । शरीर को योगा व ध्यान द्धारा सुडौल व स्वस्थपूर्ण बनाया जा सकता है, जरूरत है संकल्प की, इच्छाशक्ति की । अपने प्रति एक उत्साह बनाए रखना जरूरी है वरना बोझिल मन से कुछ भी कर पाना सम्भव नहीं ।
यह सत्य है कि हमारा जो विचार बन गया है, उस पर भी एक बार विचार कर लेना चाहिए ।
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