फालतू की फार्मेलिटी छोड देने में ही भलाई है । जो आत्मा कहती है, वहीं करें । असफलता पर सबक मिलेगा और सफलता पर नया मार्ग । सभी निर्णय स्वयं करो । यदि एक ढंग अनुकुल नहीं है तो उसे बदलने में कोई बुराई नहीं । दूसरों के उत्साह को बढाना चाहिए, अपना उत्साह स्वयं ही बढने लगता है । आपका ज्यादा समय कहां गुजरता है देखें और जानें क्यों, इसको भी देखें । आशा रखें, सफलता और असफलता तो जीवन के सच हैं । अच्छे काम करें तो बुराई अपने आप समाप्त हो जाती है । लगन सच्ची है तो काम पूरा भी होगा, बाकी सभी बहाने हैं । स्थिति कैसी भी हो, स्वीकार कर लेने के भाव से सफलता मिलने लगती है । मैं ऐसा चाहता हूं, ऐसा है, ऐसा ही चाहता था – जीवन जैसा है, सुन्दर है, यह भाव मन को शांत करता है । परिवर्तन बताने की जरूरत नहीं पडती, दिखते हैं । प्यार और स्नेह से सभी काम हो सकते हैं । सादा ही ठीक है,अभिनय कीजिए । हमेशा चुस्त रहें ।
असफल हो गये क्या, पुन: कोशिश करें । विचार मांगने पर ही दें और दूसरे की बात को ध्यान से सुने, दूसरा क्या कह रहा है । काम कर रहे हो, तो काम को खुशी खुशी करो, वरना न ही करो तो अच्छा है । अपनी असफलता की कहानी न दोहराए । जब तुम ही अपने को असफल कहते हो तो दूसरा कैसे कोई तुम्हें सफल कह सकता है ।
अपने को हमेशा बिजी रखो, जरूरत से ज्यादा सीरियस रहना ठीक नहीं । अपने बारे में कम बोला जाए तो ठीक है और सच्ची शांति तो अपने भीतर है, बाहरी इच्छाएं कम से कम रखें तो बेहतर ।
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