Sunday, August 22, 2010

यदि हमें किसी पर गुस्‍सा आता है तो सोचना चाहिए कि गुस्‍सा कहां तक वाजिब है । यह विचार गुस्‍सा करते समय ही आना चाहिए । तुम देखोगे कि दूसरे का दोष कम है तो गुस्‍सा नम कर देना चाहिए । अगर किसी पर गुस्‍सा आए तो उसी समय चुप हो जाना चाहिए । तुरन्‍त उत्‍तर नहीं देना चाहिए । सोचना चाहिए कि इस गुस्‍से के कारण जो भी हैं, उनके बारे में बाद में स्‍पष्‍टीकरण मांग लिया जाएगा । इस प्रकार जिस पर गुस्‍सा आता है उससे उसी समय रोष प्रकट नहीं करना चाहिए । नतीजा यह होगा कि जल्‍दी ही आपका गुस्‍सा शांत होने लगेगा । धीरे धीरे समाप्‍त भी हो जाएगा । यदि अपना गुस्‍सा तुरन्‍त प्रकट कर दिया तो न जाने आप क्‍या क्‍या बोल जाएंगे । जो हो सकता है आपके हित में न हो । यदि किसी के प्रति अंसंतोष है तो प्रकट मत कीजिए । 24 घंटे बाद भी यदि गुस्‍सा रहता है तो ठीक है, वरना समझ लीजिए, गुस्‍सा झूठा था । अवश्‍य ही देखेंगे कि 24 घंटे बाद गुस्‍सा नहीं रह जाता है ।

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