कई बार दूसरों की बातें सुनकर हम समझ लेते हैं कि हमारा किया गया कार्य गलत है,हमारा सोचा हुआ विचार गलत है । तब यह संदेह और बढ जाता है जब दस व्यक्तियों में से दसों के दसों हमारे विचार से सहमत नहीं होते या हमारे विचार के खिलाफ हो जाते हैं, तब लगता है कहीं मैं गलत तो नहीं ? लेकिन आप मेरी मानिए आप गलत नहीं हैं । गलत तो वे लोग हैं जो आपको गलत कह रहे हैं । आप मान लीजिए कि आप जो कर रहे हैं वह आपकी स्वीकृति से हो रहा है और आपकी स्वीकृति से हो रहा कार्य कैसे गलत हो सकता है ? अपने पर विश्वास रखें, सफलता अवश्य मिलेगी । अनुभव से गुजरें
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