Thursday, August 26, 2010

कई बार दूसरों की बातें सुनकर हम समझ लेते हैं कि हमारा किया गया कार्य गलत है,हमारा सोचा हुआ विचार गलत है । तब यह संदेह और बढ जाता है जब दस व्‍यक्तियों में से दसों के दसों हमारे विचार से सहमत नहीं होते या हमारे विचार के खिलाफ हो जाते हैं, तब लगता है कहीं मैं गलत तो नहीं ? लेकिन आप मेरी मानिए आप गलत नहीं हैं । गलत तो वे लोग हैं जो आपको गलत कह रहे हैं । आप मान लीजिए कि आप जो कर रहे हैं वह आपकी स्‍वीकृति से हो रहा है और आपकी स्‍वीकृति से हो रहा कार्य कैसे गलत हो सकता है ? अपने पर विश्‍वास रखें, सफलता अवश्‍य मिलेगी । अनुभव से गुजरें

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