अपने को जीतना ही होगा । तभी हम अपने बीच पूर्ण संतोष का अनुभव कर सकेंगे । अपने को जीतने का अर्थ है अपने बीच इतनी क्षमताएं उत्पन्न कर लेना कि कहीं विरोधाभास न उत्पन्न हो । हम जैसा चाहें, वैसा ही हो । यह तभी होगा जब हम अपने को समझेंगे । संकल्प और साधना से गुजरना होगा ।
No comments:
Post a Comment