Sunday, August 8, 2010

एक राज की बात बताऊं ? जब आपको लगे कि आप दूसरों की नजरों में असफल हो रहे हैं या दूसरों में प्रिय नहीं हो रहे हैं तो तैयार हो जाइए और कुशल कूटनीति से काम लेने की सोच लीजिए । दूसरों के हृदयों में एक सफल व्‍यक्त्वि की छाप छोडने के लिए पहला सूत्र है अपने को रिजर्व रखो और इतना ज्‍यादा रिजर्व रखो कि दूसरा आपसे मिलने के लिए लालायित हो उठे । दूसरा मीठी मीठी बातें कीजिए, उसकी तारीख कीजिए यानि झूनझूना दीजिए । जैसे किसी बच्‍चे को मनाने के लिए झूनझूना दिया जाता है । खुब तारीफ करें । सभी खुश । ----- तुम ठीक कह रहे हो । देखेंगे आपके घर परिवार, मित्र बंधु,अधिकारी, आपके ग्राहक, आपके साथी सभी खुश हैं । अपने व्‍यक्त्वि को बदल डालो और ढल जाओ समय के साथ । अपना सिर्फ अपने तक रखो । अपने दुखडे मत बताओं क्‍योंकि किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह तुम्‍हारा दुखडा सुने । हां, दूसरों के दुखों में साहनुभूति दें और उत्‍साह बढाएं । आप जल्‍दी ही लोगों में प्रिय हो जाएंगे ।
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मै देखता हूं कि जीत उसी की होती है जो आरोप लगाता है । उसका पलडा भारी ही रहता है जो दूसरे पर आरोप लगाता रहे । तब दूसरे का पलडा हल्‍का हो जात है जो केवल सुनता रहता है । यदि मैं आरोप सुनता रहता हूं अपनी बुराईयों को सहता रहता हूं तो धीरे धीरे दूसरे के दिल में मेरे पेति एक असफल व्‍यक्त्वि की छवि सी हो जाएगी । आप कभी भी न मानें कि आपमें कोई कमी है । जो कमी है दूसरे में है । पत्‍नी पर जीत पानी है तो पत्‍नी को डांटते रहें, उसकी कमियां निकालते रहें और यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपकी पत्‍नी आपकी कमियां निकालती रहेगी और आपको डांटती रहेगी ।


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आप अपनी बातों के बल पर किसी को प्रेमपूर्ण नहीं बना सकते । यदि बना भी लिया तो वह स्‍थायी रुप में नहीं रहेगा । स्‍थायी रुप से प्रेमपूर्वक होना है तो स्‍वयं अपने बीच परिवर्तन लाना होगा । दूसरा मात्र तो साधन है, साध्‍य तो व्‍यक्ति स्‍वयं ही है । सारे संसार को बदलने से बेहतर है अपने को बदल लेना ।

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