Saturday, August 7, 2010
जीवन के प्रति हमारी भी कैसी बेतूकी धारणाएं रहती हैं जिनका परिणाम भी हानिकारक सिदध होता है । हमारे सीखे सिखाए नियम, लोगों से सुनी सुनाई बातें, लोग जिन्हें अपना अनुभव कहते हैं, लोग जिन्हें अपना सम्मान कहते हैं, उन्हीं के बारे में हमारे भी वैसे ही विचार बन जाते हैं और हम कह उठते हैं कि हमें उनके अनुभव से सीखना चाहिए । हमें उनका सम्मान करना चाहिए तब हमें अपने प्रति एक सन्देह उत्पन्न होता है । हमारा जो विचार है, उसके प्रति अविश्वास उत्पन्न होने लगता है । जल्दी ही नए और पुराने के बीच टकराव होने लगता है । हम अपनी वर्तमान समस्या का समाधान बीते हुए समय के डिब्बे में से निकालने की कोशिश करते हैं । समस्या वर्तमान की है और समाधान भी वर्तमान के सन्दर्भ में निकालना चाहिए ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment