Thursday, August 26, 2010

पारिवारिक झगडें होते हैं समझ की कमी और अंहकार की वजह से । समझ की कमी जहां झगडे का कारण बनता है, वहां अंहकार उस झगडे को और आगे बढाता है । एक व्‍यक्ति के कहे गये कुछ शब्‍द पसन्‍द नहीं आते,दूसरा तुरन्‍त झगडा करने पर उताऊ हो जाता है । ऐसा लगता है आने वाले समय में इस अंहकार की लडाई में कई घर परिवार बर्बाद होंगे । सभी अपने को दोष न देकर दूसरों को दोष देते रहेंगे । प्रश्‍न उठता है कि क्‍या इस अंहकार की लडाई से बचा जा सकता है ? उत्‍तर केवल हां या न में नहीं दिया जा सकता । अंहकार की लडाई को जीतने के लिए अर्थात इस ल्रडाई से दूर हटने के लिए भरसक प्रयत्‍न करने होंगे । काफी कुछ बर्दाश्‍त करना होगा । और काफी कुछ सुनने के लिए तैयार होना होगा । इसके लिए पहले अपने को जानना होगा और मेडिटेशन करना होगा । यदि मेडिटेशन में बैठने का प्रयास सफल होता है तो अंहकार की लडाई को जीतने में कोई कठिनाई नहीं होगी ।

2 comments:

  1. ईमानदार लगते हो यार ! मगर माने तभी जाओगे जब सामने वाला स्वीकार करने की मनस्थिति में हो और अक्सर ऐसा नहीं होता ...दोस्त ! बहरहाल शुभकामनायें !

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